नजर मिलती नही
तुम सामने हो के मगर
ये नजर मिलती नही
दिल कुछ कहना चाहे तो
ये जुंबा कहती नही
दिल में कसक सी होती है
ना जाने क्यू डर लगता है
पास तेरे जो होता हूँ
कुछ कहने से डर लगता है
ना दिन को चैन होता है
रातों कि नींद भी खोई है
हर पल तुझको मिलना चाहूं
पर मिलाने से जाने क्यू डरता हूँ
तुम पास मेरे जो होते हो
कुछ कने से मैं डरता हूँ
****मन लव स्वाति****
तुम सामने हो के मगर
ये नजर मिलती नही
दिल कुछ कहना चाहे तो
ये जुंबा कहती नही
दिल में कसक सी होती है
ना जाने क्यू डर लगता है
पास तेरे जो होता हूँ
कुछ कहने से डर लगता है
ना दिन को चैन होता है
रातों कि नींद भी खोई है
हर पल तुझको मिलना चाहूं
पर मिलाने से जाने क्यू डरता हूँ
तुम पास मेरे जो होते हो
कुछ कहने से मैं डरता हूँ
****मन लव स्वाति****
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