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मैं जानता हूँ

Mann
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मैं जानता हूँ के तू भी तड़प रही है
के आज तुझको भी नींद कहाँ आएगी
तूने भिगोये थे अपने गाल जो
अपने आँखों के मोती से

मैं जानता हूँ के तू भी तड़प रही है
के आज तुझको भी नींद कहाँ आएगी
तूने भिगोये थे अपने गाल जो
अपने आँखों के मोती से
मुझसे बात किए बिन तू भी
कहाँ रह पायेगि
अपने आँसू जो पोछे
तूने अपने आँचल से
तेरे आँचल से अपने
प्यार कि खुसबु आएगी
मेरा दिल भी नही धड़का था
सुन ये हमदम
जिस पल तेरे आँखों में आँसू आई थी
तू सोचती है मैं खफ्हा हूँ तुझसे
पर सुनले रुक जायेगी
उस दिन मेरी धड़कन
जिस दिन तुमसे बात ना हो पयेगी
मैं जानता हूँ के कुछ मजगुरि है तेरी
के कहते हो के देर तक बात ना हो पयेगी
मुझसे क्या पूछतीं है
पूछ जरा अपने दिल से
मुझसे बात किए बिन
क्या तू रह पयेगी
फिर सोचता हूँ बैठ तन्हाई में
मैं जो ना दूँगा साथ तेरा
तू अपने दिल का किसे सुनायेगी
मैं तो था पगाल जो ना समझा था तुझको
तू भी मेरे बिन कहाँ राह पयेगी
तू भी मेरे बिन कहाँ राह पयेगी
मैं जानता हूँ के तू भी तड़प रही है
के आज तुझको भी नींद कहाँ आएगी
******मन लव स्वाति ********

मुझसे बात किए बिन तू भी
कहाँ रह पायेगि
अपने आँसू जो पोछे
तूने अपने आँचल से

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