आ के डूब जाऊँ तेरे प्य्मने में
के तुझसि शराब ना मिलेगी किसी मैंखाने में
तू मिली है मुझे हुस्न का ऐसा तोफ्हा
के तुझसि ना होगी कोई हंसी जमाने में
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मैं जानता तो हूँ
तू मेरी है मेरी
पर मेरे दिल में डर सा है लगे
कही लग ना जाएँ
तुझे जमाने कि नजर …
मैं इस बात कि परवाह मैं करूं
देख के तेरे रुप कि चाँदनी
चाँद कि चाँदनी
मुझे फीकी सी लगे
मेरे संसो में भरी
तेरे बदन कि खुसबु
सारे फूलों कि खुस्बुये
मुझे फीकी सी लगे
मैं जनता तो हूँ
तू मेरी है मेरी
पर मेरे दिल में डर सा है लगे
देख् के तेरा रंग रुप
ओअ मेरी दिल्नसि
दुनिया भर के सात रंग
मुझे फीकी सी लगे
मैं जनता तो हूँ
तू मेरी है मेरी
पर मेरे दिल में डर सा है लगे
****मन लव स्वाति****
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