मैं जानता तो हूँ
मैं जानता तो हूँ
तू मेरी है मेरी
पर मेरे दिल में डर सा लगाता है
कही लग ना जाएँ
तुझे जमाने कि नजर
मैं इस बात कि
परवाह मैं करता हूँ
देख के तेरे रुप कि चाँदनी
चाँद कि चाँदनी
मुझे फीकी सी लगती है …
मैं जानता तो हूँ
तू मेरी है मेरी
मेरे संसो में भरी
तेरे बदन कि खुसबु
सारे फूलों कि खुस्बुये
मुझे फीकी सी लगती है
मैं जनता तो हूँ
तू मेरी है मेरी
देख् के तेरा रंग- रुप
ओअ मेरी दिल्नसि
दुनिया भर के सात रंग
मुझे फीकी लगते है
मैं जनता तो हूँ
तू मेरी है मेरी
पर मेरे दिल में डर सा लगाता है
****मन लव स्वाति****
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